भारत के राज्य चिन्ह (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध) अधिनियम, 2007 की अनुसूची 2 के नियम 7 के अनुसार केवल कुछ सांविधिक प्राधिकारियों और अन्य उच्चाधिकारियों को ही यह अधिकार होगा कि वे अपनी कारों पर अशोक का चिन्ह या State Emblem इस्तेमाल कर सकते हैं.
यह अधिनियम इस बात को बताता है कि अशोक चिन्ह को किस लेखन सामग्री (लेटरहेड या विसिटिंग कार्ड इत्यादि), भवन, वाहन पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह अधिनियम बताता है कि इस चिन्ह को संसद, राष्ट्रपति भवन, उच्चतम न्यायालय, केन्द्रीय सचिवालय भवन जैसे अति महत्वपूर्ण भवनों पर लगाया जा सकता है.
इस लेख में आप जानेंगे कि कौन कौन से लोग इस अशोक चिन्ह का इस्तेमाल अपने वाहनों पर कर सकते हैं.
ज्ञातव्य है कि इस बारे में दिशा निर्देश गृह मंत्रालय द्वारा जारी किये जाते हैं. एक RTI के जबाब में गृह मंत्रालय ने माना कि अशोक के चिन्ह को अपनी गाड़ी पर वे लोग भी इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि इसके पात्र नहीं हैं. इसलिए सामान्य लोगों की जानकारी के लिए हमने यह लेख तैयार किया है.
निम्नलिखित सांविधिक पदाधिकारी अपनी कारों पर नम्बर प्लेट की जगह अशोक चिन्ह का प्रयोग कर सकते हैं;
1 .राष्ट्रपति भवन की कारें इस चिन्ह का प्रयोग कर सकती हैं;
जब निम्नलिखित पदाधिकारी उनके पति या पत्नी ऐसे वाहनों में यात्रा कर रहे हों;
(i). राष्ट्रपति
(ii). विदेशी राज्यों के प्रमुख अतिथि
(iii). विदेशी राज्यों के प्रमुख अतिथि, उप राष्ट्रपति या समतुल्य स्टेटस वाले उच्चधिकारी
(iv). विदेशी सरकारों के प्रमुख अतिथि या किसी विदेशी राज्य के राजकुमार या राजकुमारी जैसे समतुल्य स्टेटस वाले उच्चधिकारी
(v). राष्ट्रपति की कार के पीछे चलने वाली अतिरिक्त कार
2. उप राष्ट्रपति की कार, जब वह या उनका पति या पत्नी ऐसे वाहन में यात्रा का रहे हों
3. राजभवन और राज निवासों की कारें इसका इस्तेमाल कर सकतीं हैं;
जब किसी सम्बंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर निम्नलिखित पदाधिकारी या उनके पति या पत्नी ऐसे वाहनों में यात्रा कर रहे हों;
(i) राष्ट्रपति
(ii) उपराष्ट्रपति
(iii) राज्य का राज्यपाल
(iv) संघ राज्य क्षेत्र का उप राज्यपाल
(v) विदेशी राज्यों के प्रमुख अतिथि
(vi) विदेशी राज्यों के अतिथि उपराष्ट्रपति या समतुल्य स्टेटस वाले उच्चाधिकारी
(vii) विदेशी सरकारों के प्रमुख अतिथि या समतुल्य स्टेटस वाले उच्चाधिकारी
4. भारत के राजनयिक मिशनों के प्रमुख जिन देशों में काम कर रहे हैं वहां पर उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कारों या परिवहन के अन्य साधनों पर
5. विदेश में भारत के काउंसिल के प्रमुख के पद पर तैनात व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों पर
6. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल विभाग द्वारा रखी जाने वाली कारों में (जब उनका प्रयोग भारत में आये हुए कैबिनेट मंत्रियों और उससे उच्च रैंक के विदेशी उच्चधिकारियों और भारत के किसी समारोह में शामिल होने वाले विदेशी राजदूतों की ड्यूटी में तैनात गाड़ियों) किया जाता है.
इसी कानून का भाग 2 निम्नलिखित गणमान्य व्यक्तियों को भी अपनी कारों पर तिकोनी धातु की पट्टिका पर अशोक चक्र लगाने की अनुमति देता है; ये व्यक्ति भारत में कहीं भी यात्रा कर रहे हों तो वे इस पट्टिका पर अशोक चिन्ह का उपयोग अपनी गाड़ी पर कर सकते हैं.
1. प्रधानमन्त्री
2. कैबिनेट मंत्री
3. लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
4. राज्य सभा के उपसभापति
निम्नलिखित पदाधिकारी अपनी कारों पर अशोक चिन्ह का प्रयोग केवल अपने राज्य क्षेत्र के भीतर ही कर सकते हैं;
1. भारत के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश और अन्य न्यायधीश
2. उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायधीश और अन्य न्यायधीश
3. राज्यों के कैबिनेट मंत्री
4. राज्यों के राज्य मंत्री
5. विधान सभाओं के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
6. राज्य विधान सभाओं के सभापति और उप सभापति
7. दिल्ली और पुदुचेरी विधान सभाओं के मंत्री और इनकी विधानसभाओं के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
ऊपर दिए गए नामों को पढ़ने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि अशोक चिन्ह का प्रयोग केवल बहुत महत्वपूर्ण व्यक्तियों के वाहनों पर ही किया जा सकता है. लेकिन देखने में यह आया है कि साधारण पद पर बैठे लोग भी अपनी कारों पर इसका उपयोग करते हैं जो कि इस अधिनियम के अनुसार प्रतिबंधित है.